About Us
इस संस्था का पूरा श्री धन्ना भगत जाट समाज ट्रस्ट शाहपुरा जयपुर है। यह संस्था सोसाइटी एक्ट 1958 एवं राजस्थान अधिनियम 28, 1958 रजिस्ट्रेशन क्रमांक 90/2022 & PAN NO. ABFTS6802A के तहत रजिस्टर्ड है | संस्था का कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण राजस्थान राज्य है। यह पूर्णतया गैर राजनीतिक है। समाज हित में सेवा कार्यों को अंजाम देने के लिए इस संस्थान का गठन किया गया है। समाज की विभिन्न समस्याओं के समाधानिक हल निकालने और सामाजिक कुरुतियों को दूर करने के लिए यह संस्थान सदैव समर्पित भाव से कार्य करने हेतु तत्पर है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि विगत कई दशकों से जाट समाज प्रगति पथ पर बहुत तेज गति से आगे बढ़ा है किन्तु इसका दूसरा पहलू भी चिंताजनक है। आधुनिकता की अंधी दौड़ में व्यक्ति स्वकेन्द्रित और एकाकी जीवन की और लुभता जा रहा है जिससे कहीं न कहीं पारिवारिक एवं सामाजिक सम्बन्धों में स्थिलता आई है। सामाजिक एकता भी इससे कुप्रभावित हुई है | एकता के बिना कोई समाज, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक आर्थिक उन्नति को प्राप्त नहीं कर सकता। अतः समाज की उन्नति के लिए यह संस्थान सामाजिक एकता और समरसता की पक्षधर है।
श्री धन्ना भक्त जाट समाज ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी पंजीकृत संगठन है जो योजनाबद्ध तरीके से दिन-रात काम करके समाज के सर्वांगीण विकास से संबंधित रचनात्मक कार्यों में लगा हुआ है, और समाज के हित के लिए किसी भी कार्यक्रम/परियोजना के कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। समाज। यह अनंत संभावनाओं वाला एक सामाजिक मंच है, जो नीति निर्माताओं, बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों को शिक्षा के प्रसार, समसामयिक सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक चुनौतियों के उन्मूलन पर विचार करने के लिए एक मंच प्रदान करता है और यह एक सार्थक मंच भी प्रदान करता है। एक थिंक टैंक युवाओं को उनके सामने आने वाली चुनौतियों से अवगत कराता है और समाधान लाने के लिए उन्हें सुझाव भी देता है।
श्री धन्ना भक्त जाट इतिहास
धन्ना भगत (जन्म 1415 ई.) एक रहस्यवादी कवि और एक वैष्णव भक्त थे, जिनके तीन भजन आदि ग्रंथ में मौजूद हैं। वह एक कृष्ण भक्त थे। उनके जन्म स्थान को लेकर मत भेद है। कुछ मान्यताओं के अनुसार उनका जन्म स्थान राजस्थान के टोंक जिले में तहसील दूनी के पास धुवा गाँव[3]में हिन्दू धालीवाल जाट परिवार में हुआ था। एक अन्य श्रोत ठाकुर देशराज द्वारा रचित उपन्यास “जाट इतिहास” के अनुसार इनका जन्म स्थान राजस्थान के जयपुर में फागी तहसील का चौरू गाँव है। चोरू गांव में धन्ना जी के विशाल मंदिर का निर्माण पूरा करके दिनांक 1 जून 2022 को धन्ना जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कि गई ।इनका जन्म हरितवाल गोत्र के एक जाट परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम रामेश्वर जाट व माता का नाम गंगा बाई गड़वाल था। बचपन में ही इनके पिता चौरू को छोड़कर अभयनगर जाकर रहने लगे, जिसे वर्तमान मे धुंआकला के नाम से जाना जाता है। चौरू मे भी एक हिन्दू मंदिर और एक गुरूद्वारा है।
धन्ना भक्त त्याग और आतिथ्य के लिए जाने जाते हैं। वह भगवान का प्रबल भक्त था।
श्री धन्ना भगत जाट समाज ट्रस्ट के उद्देश्य
समाज के सर्वांगीण बहुमुखी विकास से संबन्धित मुद्दों पर योजनाबद्ध रूप से कार्य करना
सामाजिक कुरीतियाँ, पाखंड और अंधविश्वास आदि सामाजिक बुराइयों से दूर रहने के लिए समाज को जागृत करना
समाज के असहाय/जरूरतमंद तबकों के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण की दिशा में विशेष रूप से कार्य करना
जाट समाज के कमजोर लोगों की सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और स्वास्थ्यक दृष्टि से सबल बनाने के प्रयास करना |
विद्यार्थियों/बेरोजगार नवयुवकों के लिए शैक्षणिक व कैरियर गाइडेंस हेतु आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करना
जाट समाज के मूल संस्कारों और रीतिरिवाजों को समृद्ध बनाना और निरंतर आगे बढ़ाना।
ऐसे अन्य किसी भी कार्यक्रम/योजना/प्रकल्प का निर्माण/आयोजन/संचालन करना जो कि राष्ट्रीय हितों के अनुरूप किसी व्यक्ति/समाज के विकास या हित में किसी भी प्रकार से अनुसंगिक/सहयोगी हों
हमारा उद्देश्य
पाखण्ड, रूढ़िवादिता से मुक्त आधुनिक एवं प्रगतिशील समाज का निर्माण कर एक सशक्त, सतर्क एवं संगठित समाज का सपना साकार करना जो राष्ट्रीय एवं वैश्विक परिप्रेक्ष्य में रचनात्मक एवं सकारात्मक भूमिका के रूप में अग्रणी हो। युवाओं को परिष्कृत ज्ञान और पेशेवर कौशल में सक्षम बनाना ताकि वे अपनी क्षमताओं और कौशल का विकास करते हुए जिम्मेदार नागरिक के रूप में देश की सेवा कर सकें।
हमारा मिशन और विज़न
सामाजिक कुरीतियाँ, पाखंड और अंधविश्वास आदि सामाजिक बुराइयों से दूर रहने के लिए समाज को जागृत करना
जाट समाज के कमजोर लोगों की सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और स्वास्थ्यक दृष्टि से सबल बनाने के प्रयास करना |
युवा वर्ग के स्वर्णिम भविष्य हेतु उन्हें हर प्रकार के विकारों से मुक्त रखना और प्रगति पथ पर आगे बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन, ट्रानिंग, सेमीनर्स, वर्कशॉप्स और काउन्स्लिंग आदि का आयोजन करना तथा उन्हें जीवन यापन साधनों को स्थापित करने में मदद करना |
महिलाओं और बच्चों के सर्वागीण विकास में सक्रिय भूमिका निभाना | जाट समाज के मूल संस्कारों और रीतिरिवाजों को समृद्ध बनाना और निरंतर आगे बढ़ाना।
सीनियर सिटिजन / वृद्धजनों के प्रति आदर और सम्मान का भाव बनाए रखने के लिए प्रेरित करना | उनके जीवन भर के अनुभवों को अगली पीढ़ी की उन्नति के लिए स्थानांतरण सुनिश्चित करना |
पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए जागृति पैदा करना और अधिक से अधिक पेड़ लगाने के प्रति लोगों की चेतना विकसित करना ताकि आगे के लिए धरती पर जीवन अनादमय हो सके
राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से अपनी पुरातन संस्कृति, कला, कहावते और भवन आदि का संरक्षण एवं संवर्धन करता
सभी संप्रदाय, समाजों और जातियों के प्रति प्रेम और सौहार्ट का भाव विकसित करना ।